माता पिता अपने बच्चों से कैसे व्यवहार करें

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Article By Satinder Maken

एक बच्चे को पैदा करना सम्पूर्ण रूप से माता पिता का फैसला होता है | बच्चे नहीं कहते कि हमें पैदा करो | जिस जीव को हम दुनिया में ले कर आते है तो उसको पालने की जिम्मेदारी भी हमारी ही होती है इसलिए अगर माँ बाप बच्चों को पालते पोसते है तो इसमें कोई अहसान नहीं करते उन पर | एक कुत्ता भी हम घर पर लाते है उसको भी जिम्मेदारी से पाला जाता है उस पर तो हम अहसान नहीं करते कि हमने उसे पाला है तो बच्चो को हम सारी जिंदगी क्यों ये अहसास दिलाते है कि हमने तुम्हारे लिए क्या क्या नहीं किया |

दूसरा माँ बाप का प्यार बच्चों के लिए unconditional होना चाहिए बिना किसी शर्त के | हमारे समाज की रीत ही कुछ ऐसी है कि औलाद यदि हमारे हिसाब से चले तो हम उसे प्यार करते है और यदि वो हमारी अपेक्षाओं पर खरी न उतरे तो नालायक | बच्चा तो हमारा ही है हमने जनम दिया हमने पाला पोसा तो वो जैसा भी हो वो हमारा ही है इसमें कोई कंडीशन नहीं होनी चाहिए की अगर हमारे हिसाब से चलेगा तो हम प्यार करेंगे नहीं तो दुत्कार देंगे | हमारे बच्चे जैसे भी हो वो सम्पूर्ण रूप से हमारे ही है बिना कोई शर्त बिना कोई संशय के |

तीसरा बच्चा एक जिन्दा प्राणी है और एक विकसित दिमाग के साथ पैदा होता है उसकी एक शख्सियत है क्यों हम उसे एक पालतू की तरह आचरण करते है |बच्चे को बढ़ने दीजिये अपना विस्तार करने दीजिये | उसे एक वस्तु न समझे जो आपके हिसाब से ही आचरण करे | जहाँ कहो वहां बैठे , जो कहो वो माने | उसके पास एक दिमाग हैजो सोच सकता है वो रोबोट नहीं है जिसकी Programming कर दी और उसी हिसाब से चले | उसे जीने दो, बढ़ने दो , उड़ने दो |

चौथा, अगली पीढ़ी हमेशा पिछली पीढ़ी से ज्यादा उन्नत होती है अगर ऐसा नहीं होता तो आज टेक्नोलॉजी इतनी विकसित नहीं होती | पर विडंबना ये है कि हर पीढ़ी अपने अगले को काबू करना चाहती है और सदियों से ये जंग चलती ही आयी है आप अपना समय याद करे | जो संघर्ष आपके पिता के साथ आपका था वही आज आपका अपने बेटे के साथ है हाँ, आज की पीढ़ी ज्यादा मुखर है | हो सकता है आप ने खुल के विरोध न किया हो पर कहीं न कहीं दबाव जरूर महसूस किया तो होगा | तो समझिये, जीने दे अपने बच्चों को भी, चुनने दे उन्हें अपने रास्ते |

पांचवा, बच्चों पर विश्वास करें | उनकी क्षमताओं पर विश्वास करें | अंडर एस्टीमेट न करें | उन्हें खुद को साबित करने का पर्याप्त अवसर एवं समय दे | और अगर वो सफल न भी हो पाएं तो भी कोई बात नहीं, फिर भी वो हमारी ही औलाद है unconditional प्यार दे ताने न दे कि देखा मैंने कहा था मेरी बात नहीं मानी अब भुक्तो, नहीं, ऐसा मत करें | उसने कोशिश की | कोशिश कभी कामयाब होती है कभी नहीं होती | आपके और आपके बच्चे के रिश्ते का आधार प्यार होना चाहिए न की सफलता-असफलता का मापदंड |

छठा, अपने बच्चों को अपने रिश्तेदारों और अपने मिलने जुलने वालो के सामने प्रदर्शन की वस्तु न बनाये | वो हमारे बच्चे है कोई प्रदर्शन की वस्तु नहीं | कोई दूसरा जज नहीं करेगा हमारे बच्चो को कि वो क्या है | अपने बच्चो की ढाल बने | बचाएं उन्हें समाज, लोगो एवं रिश्तेदारों की नज़रों से | बच्चे को भी आप पर भरोसा होगा कि वो अकेला नहीं है उसका पिता है उसके आधार स्तम्भ, उसकी ताकत जो उसे हर हालत में बिना किसी शर्त के संभल देगा | उसकी माँ है जब दुनिया की ठोकर लगेगी तो उसकी गोद में जा के छुप जायेगा वो छुपा लेगी उसे पूरी दुनिया से | सिर्फ इतना सा आभास और विश्वास की मेरे माँ बाप है मेरे पीछे मेरी ताकत , बस काफी है पूरी दुनिया का सामना करने के लिए |

सातवां, जब बच्चे बड़े हो जाएँ तो उनके साथ बड़ों जैसा ही व्यवहार करें | उनकी ईगो, उनकी सेल्फ एस्टीम पर कभी भी चोट न करें | अगर आप उसकी सेल्फ एस्टीम को हर्ट करेंगे तो हो सकता है कि वो आपको खुल कर न कहे पर जो अपने अंदर जो वो टूटा हुआ महसूस कर रहा है, वो कभी जुड़ न पायेगा और उसके जिम्मेदार आप होंगे और ताउम्र वो इस घाव के साथ ही जियेगा और वो अपने संस्कारो की वजह से आपकी इज्जत तो करेगा लेकिन प्यार नहीं करेगा |

बच्चो से अपने माँ बाप के प्रति फ़र्ज़ पर तो दुनिया भर में ज्ञान भरा पड़ा है पर माँ बाप के लिए भी कुछ गाइडलाइन्स होनी चाहिए क्योँकि माँ बाप बनना सम्पूर्ण रूप से उनका खुद का निर्णय है जिसके लिए वो ताजिंदगी अपनी औलाद पर अहसान जताते है |

अंत में, बस इतना ही कि बच्चे हमारी जिंदगी की सबसे उत्कृष्ट रचना है उसे बिना किसी शर्त के प्यार करे | वो जैसे भी है हमारे है |

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