ऐ जिंदगी तेरी उलझनों को सुलझाना हमने छोड़ दिया
तुझसे किया हुआ हर वादा हमने तोड़ दिया |
हर दिन रंग बदलना तेरी फितरत है
तेरी शोखियों में घुलना मिलना हमने छोड़ दिया |
बहार भी आये तो अब दिल मचलता नहीं
सजना, संवरना और इठलाना हमने छोड़ दिया |
बड़ा गरूर था जिन्हे खुद पर आँधियाँ होने का
वक़्त ने उन हवाओं का रुख मोड़ दिया |
वो जो कहते थे कि हमें चाहेंगे आखिरी साँस तक
जिंदगी ने दिए कुछ इम्तिहान तो मुँह मोड़ लिया |
जा जिंदगी तुझसे किया हर वादा हमने तोड़ दिया |
सत्या माकन