“ये रंग बदलती जिंदगी”

zindagi

ऐ जिंदगी तेरी उलझनों को सुलझाना हमने छोड़ दिया

तुझसे किया हुआ हर वादा हमने तोड़ दिया |

हर दिन रंग बदलना तेरी फितरत है

तेरी शोखियों में घुलना मिलना हमने छोड़ दिया |

बहार भी आये तो अब दिल मचलता नहीं

सजना, संवरना और इठलाना हमने छोड़ दिया |

बड़ा गरूर था जिन्हे खुद पर आँधियाँ होने का

वक़्त ने उन हवाओं का रुख मोड़ दिया |

वो जो कहते थे कि हमें चाहेंगे आखिरी साँस तक

जिंदगी ने दिए कुछ इम्तिहान तो मुँह मोड़ लिया |

जा जिंदगी तुझसे किया हर वादा हमने तोड़ दिया |

सत्या माकन

Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *