A Poem By Dr. Satinder Maken
जो बीत गया उसे गुजर जाने दो,
दर्द को भी थोड़ी राहत आने दो।
बीते हुए लम्हे जो दिल में,
इक अरसे से मेहमान है,
जरा रुक कर गौर से देखो,
वो बस रेत पर निशान है।
वो मिट जायेंगे इक पल में,
बस लहरों को तुम आने दो,
जो बीत गया उसे गुजर जाने दो।
दिल में हूक सी जो उठती है,
और’ आंख में आंसू आते है,
जो यादों के सुलगते अँगारे,
जी को धीमे धीमे जलाते है।
वो हो जायेंगे राख इक क्षण में,
बस बारिशों को तुम आने दो
जो बीत गया उसे गुजर जाने दो।
दर्द को भी थोड़ी राहत आने दो।