एक तुम थे -एक मैं थी
फिर दोनों मिले और मैं-तुम हम हो गए |
समय बीता-नजदीकियां बढ़ी
इतनी बढ़ी कि हमदम हो गए |
समय आगे बढ़ा – उम्मींदे भी बढ़ी
उम्मींदे टूटी, फिर ख्वाब टूटे |
नज़दीकियाँ दूरियों में बदलने लगी |
अब ये मंज़र है अपरिचित होने की हद तक
हम एक दुसरे से अनजान है |
कुछ मेरा स्वाभिमान है
कुछ तेरा अभिमान है |
हम तुम फिर से मैं और तुम हो गए
अब एक तुम हो -एक मैं हूँ |
सत्या माकन
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