ग़म का फ़साना

ग़म का फ़साना

Dr. Satinder Maken

तेरी मुस्कराहट में छिपा, गम का फ़साना है,

सुर्ख आँखों से जो छलका, दर्द का पैमाना है |

बड़ा नाज़ुक सा है इस दिल का मुआमला

कह दीजिये जुबाँ से जो भी अफसाना है

तेरी मुस्कराहट में छिपा, गम का फ़साना है

हिज़्र से भी रखिये इत्तेफ़ाक़,

शौक गर इश्क़ का फरमाना है,

मुकम्मल इश्क़- इक दास्ताँ है,

ये सिर्फ किताबों का ही अफसाना है

तेरी मुस्कराहट में छिपा, गम का फ़साना है

दिल अगर टूटा है तो रंज न कीजिये

दर्द भी जरुरी है जीस्त की तफहीम के लिए

दर्द को ही बना लीजिये दरमन (दवा)

लफ्ज़ से जो बयां न हो ये वो तराना है

तेरी मुस्कराहट में छिपा, गम का फ़साना है

यूँ तन्हा न बसर होगा जिंदगी का सफर

चल दे कोई साथ ज़रा आसान होगी डगर

दर्द तकसीम करो तो रूह क़लील सकून पाए

ये ज़िन्दगी है इसे दूर तलक जाना है

कह दीजिये जुबाँ से जो भी अफसाना है

तेरी मुस्कराहट में छिपा, गम का फ़साना है

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